राष्ट्रीय वेद  संगोष्ठी में श्री अरविंद दर्शन पर हुआ वैचारिक मंथन 


 उज्जैन। श्री अरविंद सोसाइटी पदुचेरी की शाखा उज्जैन द्वारा महर्षि सांदीपनि वेद विद्या प्रतिष्ठान  के सहयोग से भारतीय वैदिक परंपरा में श्री अरविंद एवं वेद पर आधारित तीन दिवसीय राष्ट्रीय वेद संगोष्ठी के दूसरे दिन देश के विभिन्न राज्यों से आए शिक्षाविद दर्शन शास्त्री वेद विशेषज्ञों ने श्री अरविंद के दर्शन पर वैचारिक मंथन किया।
 पुणे से आए  वेद विशेषज्ञ प्रोफेसर  गणेश थेटे ने  अरविंद को वेद का आधुनिक ऋषि बताया। उन्होंने कहा कि गीता उपनिषद और वेद का श्री अरविंद ने गहन अध्ययन किया तथा उनके गुण रहस्य को उजागर किया। वाल्मीकि धाम के स्वामी उमेश नाथ जी महाराज ने श्री अरविंद के सावित्री ग्रंथ को जीवन रूपांतरण के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यह एक ग्रंथ ही मनुष्य के जीवन को रूपांतरित कर सकता है। उन्होंने श्री अरविंद सोसाइटी पुदुचेरी की शाखा को इस संगोष्ठी के लिए साधुवाद देते हुए बधाई दी । उद्घाटन सत्र में स्वामी शांति स्वरूपानंद जी ने कहा कि गुरु का ज्ञान अलौकिक दर्शन होता है। भारतीय दर्शन अनुसंधान परिषद लखनऊ की निदेशक डॉक्टर पूजा व्यास ने श्री अरविंद के समाज दर्शन की अनुपम व्याख्या की। उन्होंने अरविंद की  तत्व दृष्टि पर  प्रकाश डाला। श्री अरविंद का दर्शन सर्वांग योग का दर्शन है । इस शोध सत्र में श्री अरविंद एवं वेद रहस्य ,श्री अरविंद का उपनिषद चिंतन, श्री अरविंद के अनुसार वेदों में अति मानस तत्व, श्री अरविंद की दृष्टि में देवताओं का रहस्य ,श्री अरविंद के मत में रूपांतरण आदि विषयों पर डॉक्टर देवकरण शर्मा नई दिल्ली, डॉक्टर श्री नारायण गौतम झुंझुनू ,डॉक्टर कृष्ण मोहन जोशी उदयपुर, डॉक्टर सीताराम शर्मा तिरुपति ,सुश्री श्रीमरजी शर्मा हिमाचल प्रदेश बृजमोहन पांडे इलाहाबाद वीसी पांडे नागपुर ने अपने विचार रखें। स्वामी असंग आनंद जी शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत श्री किनकर नाम आनंद श्री संतोष पंड्या डॉक्टर ओम नारायण पंड्या श्री राजेंद्र शर्मा गुरुजी ने अपने विचार रखें।