कुंडली के अष्टकूट मिलान में "योनि दोष " में क्यों होती है एक दूसरे की हत्या ?

 कुंडली के अष्टकूट मिलान में "योनि दोष " में  क्यों होती है एक दूसरे की हत्या ? 

          क्या है 4 गुण के इस दोष का रहस्य ? 

        कुंडली मिलान इतना आसान नहीं है जितना इसको समझा जाता है। सिर्फ गुण और दोष देखने से मिलान  नहीं होता है। इस मिलान के रहस्य को गहराई से समझना जरूरी है। ये मिलान जातिगत नहीं होता है । योनि दोष शूद्र जाति को लगता है ऐसा नहीं है। 

     84 लाख योनियो में 14 योनियाँ सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। जिंनका निर्धारण मनुष्य के पैदा होने के समय नक्षत्र के अनुसार किया जाता है। 27 नक्षत्रों के अनुसार 14 योनियाँ होती हैं। 

1- अश्व  योनि 2- गज योनि 3- मेष योनि  4- सर्प योनि 5- श्वान योनि 6- मार्जार योनि 7- मूषक योनि 8- गौ योनि 9 - महिष योनि 10 -व्याग्र योनि 11- मृग योनि 12- वानर योनि 13- नकुल योनि 14 - सिंह योनि।

      इन 14 योनियों में कुछ मित्र योनि होती हैं , कुछ शस्त्रु योनि होती हैं और कुछ महावैर योनि होती हैं। जैसे साँप और नेवला , हाथी और शेर , गौ और व्याघ्र , चूहा और बिल्ली , घोडा और महिष , वानर और मेष ये महावैर योनि हैं। इस योनि दोष का परिणाम मुख्यत संभोग के रूप में देखा जाता है। दुनिया में 50 % रिश्ते संतोषजंनक शारीरिक संबंधों के कारण टूट जाते हैं।  इसलिए इस दोष का संबंध संतोषजनक संबंधों के रूप में देखा जाता है। 

         उदाहरण के लिए लड़के की योनि गज है और लड़की की योनि सिंह है , तो ऐसी स्थिति में हाथी और शेर संभोग नहीं कर सकते हैं। ये एक दूसरे को देखते ही मारने की कोशिश करते हैं। इसी प्रकार लड़का और लड़की की कुंडली में यह दोष आ जाता है। तो हम बोल देते हैं इनका शारीरिक संबंध ठीक नहीं रहेगा। योनि दोष का मिलान उचित नहीं है। कितनी बार देखने में आता है की पति और पत्नी के बीच हमेशा इसी मुद्दे  को लेकर झगड़ा बना रहता है। इसलिए शादी से पहले कुंडली मिलान के हर पहलू पर विचार करना चाहिए।

    कुंडली मिलाने से पहले लड़के व लड़की की कुंडली में इन 11 योगों को अवश्य देख लेना चाहिए ।

1- लंबी आयु, 2- चरित्र हीनता, 3- दरिद्र योग , 4- लंबी बीमारी , 5- होमोसेक्स , 6- हिजड़ापन , 7 -तलाक योग , 8 -बांझपन, 

9-अवैध संबंध, 10-जेल योग ,11- शनि महादशा , राहू महादशा ,शनि साढ़े साती या मांगलिक दोष न हो।

-डॉ एचएस रावत

 ( ज्योतिष आचार्य & लेखक 11 बुक्स )