श्री अरविंद एवं एवं वेद पर केंद्रीय तीन दिवसीय राष्ट्रीय वेद संगोष्ठी

श्री अरविंद ने वेदों  के प्रतीकात्मक अर्थों की व्याख्या की - कुलपति बालकृष्ण शर्मा


उज्जैन। श्री अरविंद सोसाइटी पुदुचेरी की उज्जैन शाखा द्वारा भारतीय वैदिक परंपरा में श्री अरविंद एवं एवं वेद पर केंद्रीय तीन दिवसीय राष्ट्रीय वेद संगोष्ठी का उद्घाटन शुक्रवार को तिरुपति विहार कॉलोनी इंदौर रोड त्रिवेणी पार स्थित श्री अरविंद योग शक्ति पीठ के सुखदेव सभागृह में हुआ । इस राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन शिव गंगा अभियान झाबुआ के संस्थापक पद्मश्री महेश शर्मा की अध्यक्षता में हुआ सरस्वत अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बालकृष्ण शर्मा एवं महर्षि पाणिनि संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पंकज लक्ष्मण जानी थे। विशेष अतिथि अंतरराष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय विश्व हिंदू परिषद के  केंद्रीय मंत्री आचार्य रामकृष्ण मरोड़ी एवं श्री माखन सिंह चौहान थे । विशिष्ट अतिथि श्री अरविंद सोसाइटी मध्य प्रदेश की चेयर पर्सन सुश्री सुमन कोचर थी । राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान के सहयोग से आयोजित इस संगोष्ठी की भूमिका श्री अरविंद सोसायटी के उज्जैन शाखा के चेयरमैन श्री विभाष उपाध्याय ने रखी। संगोष्ठी में देश के विभिन्न राज्यों से शिक्षाविद वेद विशेषज्ञ दर्शन शास्त्री एवं शोधार्थी आए हैं।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में पद्मश्री श्री महेश शर्मा ने कहा कि आज विश्व की आवश्यकता है कि वेद का विश्व की विभिन्न भाषाओं में वैश्विक प्रचार किया जाए साथ ही वेद का वेद का लोक व्यापीकरण सरल भाषा में किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वेद को  जीवन में यदि देखना है तो झाबुआ की जनजातियों में देखना चाहिए । वनांचल में वेद का पूर्ण प्रभाव दिखाई आज भी देता है । श्री शर्मा ने ऋग्वेद के ज्ञान यजुर्वेद के कर्मकांड सामवेद की कला तथा अथर्ववेद के विज्ञान को सरल भाषा में जन-जन तक पहुंचाने की भी महत्ता पर प्रकाश डाला। सारस्वत अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर बालकृष्ण शर्मा ने कहा कि श्री अरविंद ने वेदों के प्रतीकात्मक अर्थ के महत्व को भी बताया श्री अरविंद ने बाह्य अर्थों के साथ वेद के गूढ़ रहस्यों को जानने की भी चर्चा की ।महर्षि पाणिनि संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पंकज लक्ष्मण जानी ने कहा कि वेद ग्रंथ नहीं ईश्वर हैं वेद वाणी देववाणी है । उन्होंने हमारी पश्चिमी मानसिकता पर प्रहार करते हुए कहा कि योग और वास्तु शास्त्र जब पश्चिम से होकर हमारे देश में आता है तब हम उसे स्वीकार करते हैं । उन्होंने पश्चिमी शिक्षा विद मैक्स मूलर के वेदों के अंग्रेजी भाषांतर पर भी प्रश्न खड़ा किया। विशेष अतिथि श्री माखन सिंह चौहान ने श्री अरविंद के दर्शन पर प्रकाश डाला उन्होंने श्री अरविंद सोसाइटी उज्जैन द्वारा किए जा रहे प्रयासों की भी सराहना की। अंतरराष्ट्रीय विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री आचार्य राधा कृष्ण ने कहा कि श्री अरविंद अखंड भारत के प्रणेता थे। अरविंद का संपूर्ण जीवन वेद और योग मय रहा उन्होंने श्री अरविंद के अति मानस चिंतन की भी चर्चा करते हुए आध्यात्मिक भारत के निर्माण की बात कही। उन्होंने कहा कि आज वैज्ञानिक खोज से कहीं बड़ी खोज अंतःकरण विज्ञान की है ।
उद्घाटन समारोह की विशिष्ट अतिथि श्री अरविंद सोसाइटी मध्य प्रदेश की चेयर पर्सन सुश्री सुमन कोचर ने श्री अरविंद के वेद रहस्य की बात कही ।आरंभ में संगोष्ठी की भूमिका रखते हुए श्री अरविंद सोसाइटी पुदुचेरी की उज्जैन शाखा के चेयरमैन विभाष उपाध्याय ने श्री अरविंद एवं श्री मां को स्मरण करते हुए आज के परिवेश में प्रसव पूर्व शिक्षा की उपादेयता को प्रतिपादित किया तथा 9 सत्रों में होने वाली इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्देश्य पर प्रकाश डाला ।उद्घाटन सत्र के पूर्व वंदे मातरम के साथ ध्वजारोहण किया गया साथ ही अरविंद योग शक्ति पीठ पर श्री अरविंद की देहांश समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की। उद्घाटन सत्र का संचालन सौरभ नौटियाल ने किया। आभार संस्था के कोषाध्यक्ष मधुसूदन श्रीवास्तव ने माना। उद्घाटन सत्र के बाद तीन सत्रों में बनारस के वेद ज्ञाता प्रोफेसर अमल धारी सिंह ,उपनिषद के मर्मज्ञ निर्वाणी अखाड़े के संत स्वामी वितराग आनंद जी, प्रसिद्ध वेद मर्मज्ञ डॉ. केदारनाथ शुक्ल, मध्य प्रदेश संस्कृत बोर्ड के अध्यक्ष श्री मिथिला प्रसाद त्रिपाठी ,स्वामी काशी महाराज, नाथ संप्रदाय के योगीराज पीर राम नाथ जी महाराज आदि ने श्री अरविंद और वेद विषय पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही वेद शोधार्थियों ने श्री अरविंद के दर्शन और वेद पर किए जा रहे शोध कार्य की चर्चा की । 
आज होगा श्री अरविंद दर्शन पर विचार मंथन
श्री अरविंद और वेद पर शनिवार को वेद और श्री अरविंद दर्शन पर वेद विशेषज्ञ दर्शन शास्त्री शिक्षाविद और शोधार्थी विचार मंथन करेंगे।
 धार्मिक सामाजिक एवं शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत श्री किनकर नाम आनंद जी स्वामी  असंग आनंद  जी महामंडलेश्वर स्वामी श्री शांति शांति स्वरूपानंद वैदिक कर्मकांड के मूर्धन्य विद्वान श्री संतोष पंड्या रामानुज संप्रदाय अवंतिका पीठ के पीठाधीश्वर संत श्री रंगनाथ आचार्य श्री अरविंद के मर्मज्ञ  वेद मूर्ति  डॉ. मुरलीधर चांदनी वाला वाल्मीकि धाम आश्रम के संस्थापक स्वामी श्री उमेश नाथ जी भारतीय दर्शन अनुसंधान परिषद की निदेशक डॉक्टर पूजा व्यास समाजसेवी श्री आनंद पंड्या श्री राजेंद्र शर्मा के आतिथ्य में संगोष्ठी के दूसरे दिन विभिन्न सत्रों में विशेषज्ञ एवं शोधार्थी श्री अरविंद एवं वेद से संबंधित विभिन्न विषयों पर पर प्रकाश डालेंगे।