क्यों करें हम पूजा पाठ....?

पूजा पाठ का वैज्ञानिक आधार क्या है ? क्यों करें हम पूजा पाठ ? क्या पूजा करने से चक्र चार्ज होते हैं और प्राणशक्ति बढ़ती है ? 

नईदिल्ली। पूजा पाठ का वैज्ञानिक आधार क्या है ? क्यों करें हम पूजा पाठ ? क्या पूजा करने से चक्र चार्ज होते हैं और प्राणशक्ति बढ़ती है ? 

इस संसार के सभी बुद्धि जीवी लोगों में मतभेद है कि क्या पूजा पाठ से कोई लाभ होता है या नहीं । पूजा पाठ करने से भगवान मिले या न मिले पर इसका वैज्ञानिक लाभ हमारे शरीर को अवश्य ही मिलता है। विज्ञान में यूरेनियम और रेडियम नाम के दो पदार्थ होते हैं।  दोनों इस पृथ्वी पर बिखरे पड़े होते हैं। जब वैज्ञानिक लोग यूरेनियम को एकत्रित करके संधान करता है तो परमाणु बम बना देता है। और वो यूरेनियम रूपी बिखरी हुई ऊर्जा एकत्रित होकर बहुत शक्तिशाली हो जाती है तथा बम्ब बन जाती है तथा लाखों आदमियों की  हत्या कर सकती है। 

इसी प्रकार बिखरे हुए रेडियम को एकत्रित कर दिया दिया जाए तो वो भी उजाला या प्रकाश देना शुरू कर देता है। हमारा ब्रह्मांड ऊर्जा का भंडार है और हमारा शरीर भी ब्रह्मांडीय ऊर्जा से संचालित है।  इस शरीर को और उन्नत व महान बनाने के लिए हमें इस ब्रह्मांडीय ऊर्जा की अधिकता की आवश्यकता होती है।  जब हम विज्ञान के माध्यम से बहुत सारी किरणों को एकत्रित करते हैं तो वो किरणे एकत्रित होकर एक ही जगह पर ऊर्जा का भंडार पैदा कर देती हैं।  

जैसे सूर्य  की किरणों को एकत्रित किया जाए तो वो किरणें आग पैदा करती देती हैं। इसी प्रकार पूजा करते बक्त जब हम अपनी बुद्धि और मन को एकाग्र करते हैं तो वहां पर ऊर्जा का भंडार पैदा होता है। तब बुद्धि और हमारा चित उस ऊर्जा के भंडार को उदान प्राण के माध्यम से संचित करके हमारे शरीर को भेज देता है तथा हम जब पूजा करके उठते हैं तो हमारे  शरीर को आनद की अनुभूति होती है तथा शरीर को ताजगी महसूस होती है। वो अतिरिक्त ऊर्जा हमें पूजा पाठ और ध्यान करने से प्राप्त होती है। 

इसलिए खूब पूजा करनी चाहिए, जप करना चाहिए, तप करना चाहिए और ध्यान भी करना चाहिए और नवरात्रों का व्रत करना चाहिए । तो आपके शरीर को उसी प्रकार ऊर्जा तो मिलेगी जिस प्रकार सोलर पैनल के द्वारा सूर्य ऊर्जा को प्राप्त किया जाता है। साथ में भगवान को जानने का अवसर भी मिलेगा। 

ध्यान और पूजा करने से चक्र उसी प्रकार चार्ज हो जाते हैं जिस प्रकार सोलर सिस्टम से बैटरी चार्ज हो जाती है। हिन्दू सनातन धर्म सब धर्मों का जनक है। 

धर्मगुरु डॉ. एचएस रावत