क्या गरीबी एक अभिशाप है.... ?

 क्या गरीबी एक अभिशाप है.... ?

नईदिल्ली। क्या गरीबी एक अभिशाप है ? ज्योतिष के 12 भाव क्या कहते हैं ? धन के बिना जीवन जीना सम्भव नहीं। बन जाते हैं रिश्तेदार जब जर पास होता है। टूट जाता है गरीबी में वो रिश्ता जो खास होता है। 

जी हाँ गरीबी एक अभिशाप है। अगर आप गरीब हैं और आपको किसी की बेटी की शादी में जाना है तथा आपके पास शगुन डालने के लिए पैसा नहीं है तो आप शादी में नहीं जा सकते हैं। तथा झूठ बोलना पड़ेगा कि मैं बीमार था। और झूठ के कारण नज़रे झुक जाएंगी तथा ज़लालत झेलनी पड़ेगी। किसी भी समारोह में जाना है, किसी दोस्त के यहाँ जाना है, किसी से मिलने जाना है, बच्चे की फीस जमा करनी है तो ऐसी स्थिति में हमें गरीबी के कारण मुंह छिपाना पड़ता है। दोस्त इज्ज़त नहीं करते हैं, सगे संबंधी और माँ बाप तक इज्ज़त नहीं करते हैं। इसलिए गरीबी सबसे बड़ा अभिशाप है।

आपको बताते हैं ज्योतिषीय गढ़ना और कुडली के अनुसार अगर आप दरिद्र हैं तो जिंदा नहीं रह सकते हैं क्योंकि जीने के लिए धन चाहिए। और धन नहीं है तो आप बिना दबाई के बचपन में ही मर जाएँगे। 84 लाख योनियों में मानव योनि ही एक ऐसी योनि है जिसको धन की आवश्यकता होती है। शेष सभी योनियाँ बिना धन के जिंदा रह सकती हैं। इसलिए ज्योतिष के अनुसार कुंडली में प्रथम भाव शरीर का है और शरीर को जिंदा रखने के लिए धन चाहिए और दूसरा भाव धन का होता है। अगर धन नहीं होगा तो शरीर भूख से मर जाएगा। इसलिए दरिद्रता बहुत बड़ा दुख है। 

धन से ताकत बढ़ती है इसलिए ज्योतिष में तीसरा भाव पराक्रम का है। अगर धन होगा तो ताकत होगी और ताकत होगी तो शरीर की और धन की सुरक्षा होगी। इसलिए गरीबी अभिशाप है। धन से सुख साधन मकान गाड़ी भूमि प्राप्त होती है इसलिए चतुर्थ भाव सुख साधन का है। धन होगा तो घर होगा और घर होगा तो शरीर सुरक्षित होगा नहीं तो शरीर और धन और ताकत खत्म हो जाएगी। इसलिए दरिद्रता बहुत बड़ा दुख है। 

धन से शिक्षा मिलती है अगर धन नहीं होगा तो आप अनपढ़ रह जाएँगे। और अनपढ़ आदमी की ज़िंदगी जानवर जैसी होती है। 

पंचम भाव आपका खराब हो जाएगा । विद्या और ज्ञान का फैलाव सिर्फ धन से होता है। अगर आप बहुत ज्ञानी है और ज्ञान के प्रचार के लिए धन का कोई साधन नहीं है तो आपके ज्ञान को कौन सुनेगा। इसलिए दरिद्रता बहुत बड़ा दुख है। 

छटा भाव शस्त्रु ,  ऋण, रोग, मुकदमा और परेशानियों का है। अगर धन नहीं होगा तो आपको शत्रु मार देंगे और आप जिंदा नहीं रह सकते हैं। आप बिना धन के मुकदमा हार जाएँगे या बीमारी से मर जाएँगे। इसलिए दरिद्रता बड़ा अभिशाप है। 

सप्तम भाव ज्योतिष में विवाह का है बिना धन के स्त्री नहीं मिलती है और न ही शादी होती है। बिना धन के पत्नी भी घर छोड़ कर चली जाती है तथा बिना धन के प्रेम संबंध भी टूट जाता है। 

अगर धन नहीं है तो आपका दाह संस्कार करना भी मुश्किल हो जाएगा और लोग आपको किसी नदी में बहा देंगे। क्योंकि अष्टम भाव मृत्यु का है। नवम भाव धर्म और दान का है। अगर धन है तो दान और धर्म कर सकते हो, धार्मिक यात्रा भी कर सकते हो नहीं तो दरिद्रता आपको कुछ भी नहीं करने देगी। दशम भाव कर्म का है और बिना धन के कोई कर्म नहीं होता है।

इसलिए कोई भी कर्म करने के लिए धन चाहिए। ग्यारह वां भाव लाभ का है। लाभ भी तभी होगा जब धन होगा अगर धन नहीं है तो आप लाभ की कल्पना भी नहीं कर सकते हो। और ज्योतिष में बारहवाँ भाव खर्च का है और खर्च तभी होगा जब धन होगा। 

इसलिए इस मानव योनि में जीने के लिए धन चाहिए। धन है तो सब कुछ है। अगर धन है तो फ़ेसबुक या नेट चला सकते हो या दुनियां से जुड़े रह सकते हो। नहीं तो कोई आपको जानेगा भी नहीं।  

इसलिए मित्रों सच्चाई से बहुत धन कमाओ और अपने जीवन को और बच्चों के जीवन को उन्नत बनाओ व देश को भी उन्नत बनाओ। और खूब दान धर्म करो और लोगों का भी भला करो।

-डॉ. एचएस रावत


(अंतरराष्ट्रीय धर्मगुरु & यूट्यूब गोल्ड मेडलिस्ट)