पाप कर्म कहीं संचित होते हैं...?
नईदिल्ली। क्या शुभ कर्म और अशुभ व पाप कर्म कहीं संचित होते हैं या कोरी कल्पना है ? क्या है इसका वैज्ञानिक रहस्य ? क्या भगवान की बेवसाइट में सबकुछ रिकॉर्ड होता है ?
हम चुप-चाप चोरी करते हैं यह सोचकर कि किसी ने नहीं देखा हैं, हम किसी की हत्या करते हैं यह सोचकर किसी ने नहीं देखा है, हम झूठ बोलते हैं, हम चुप-चाप रिश्वत लेते हैं, हम बंद कमरे में किसी का बुरा सोचते हैं, हम किसी के प्रति बुरी नज़र रखते हैं। हम किसी से ईर्ष्या बहुत करते हैं, हम भगवान के मंदिर से चोरी करते हैं या हम भगवान् को गाली देते हैं या आप बंद कमरे में किसी का भला सोचते हैं, आत्मा से दिल से किसी की सहायता करते हैं या आप किसी गरीब की धन से मदद करते हैं या आप किसी की जान बचाते हैं या आप किसी को ज्ञान बांटते हैं या आप आत्मा से मन से शरीर से समाज का कल्याण करते हैं तो क्या ये सभी अशुभ कर्म व शुभ कर्म कहीं पर संचित होते हैं क्या.. इनका कहीं रिकॉर्ड होता है जो मरने के बाद देखा जा सकता है ?
अज्ञानी तो यही सोचता है कि मुझे किसी ने बुरा करते नहीं देखा है इसलिए मैं निर्दोष हूँ। और ज्ञानी सोचेगा कि सब भगवान के यहाँ पर संचित है सब रिकॉर्ड है भगवान् सब देखता है।
आखिर भगवान सब कुछ कैसे देखता है ? विज्ञान के इस कंप्यूटर युग में। मोबाइल और वेबसाइट युग में आपकी एक-एक बात रिकॉर्ड हो जाती है चाहे आपने कोई sms किया हो या कोई कॉल की हो या आपने कोई भी साईट खोली हो उसका समय सहित विवरण उस कम्पनी के सर्वर में संचित हो जाता है। आप जब चाहे उसको देख सकते हैं।
इसी प्रकार भगवान् का बहुत बड़ा सर्वर होता है जिसमें सभी लोकों की आत्माओं का विवरण संचित रहता है। उसको हम बोलते है गॉड.कॉम.. भगवान की इस वेबसाइट में सभी लोगों के शुभ या अशुभ व पाप कर्म संचित रहते हैं। और ये सब तो बुरा या भला कर्म सोचने मात्र से ही संचित हो जाते हैं। ये बुरे या भले कर्म भगवान के सर्वर में उसी प्रकार संचित हो जाते है जिस प्रकार मोबाइल सेट से missed call , recieved call और out call संचित हो जाते हैं। इन शुभ या अशुभ पाप कर्मो को मृत्यु के बाद भगवान का कंप्यूटर सर्वर आपकी आत्मा के सामने सब कुछ खोलकर रख देता है। आपने अपनी जिंदगी में कितना बुरा किया या कितना भला किया है। उस समय आप झूठ नहीं बोल सकते हैं। इसीलिए किसी ने कहा कि दीवारों के भी कान होते हैं। यही है हमारे जीवन के शुभ या अशुभ व पाप कर्मो का वैदिक और वैज्ञानिक रहस्य।
अनजाने में किये गए पाप कर्मो का प्रायश्चित तो होता है लेकिन सोच समझ कर षडयंत्र के तहत किये गए पाप कर्मों की सजा तो भोगनी पड़ती है।
-डॉ. एचएस रावत धर्मगुरु