सितम्बर में देवी-देवताओं के साथ पितरों की भी कृपा बरसेगी

 सितम्बर में  देवी-देवताओं के साथ पितरों की भी कृपा बरसेगी

उज्जैन। पूरा सितंबर माह श्रीगणेश जी,भगवती माँ दुर्गा व सोलह दिन पितरों को समर्पित रहेगा, जो सभी प्रकार की खरीददारी को शुभता के साथ स्थिरता प्रदान करेगा।

संक्षेप में इस माह त्रिवेणी    कृपा वर्षा होगी। सितम्बर माह का श्री गणेश ऋषि कृपा के साथ होगा। वहीं जैन समाज का प्रमुख समवत्सरी पर्व भी, गणेशोत्सव (बप्पा की बिदाई ) का समापन भी इसी माह 9 सितम्बर को होगा। 10 सितम्बर से सोलह श्राद्ध प्रारंभ होंगे जो 25 सितम्बर को सर्वपितृ अमावस्या के साथ समाप्त होंगे। शरद पूर्णिमा भी इसी माह चन्द्र किरणों से अमृत वर्षा करेंगी। 26 सितम्बर से देवी आराधना का पर्व नवरात्र आरम्भ होगा। इस प्रकार सितम्बर का महीना देवी देवताओं की कृपा के साथ पितरों की कृपा वर्षा भी करेगा। माह में सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि के साथ अनेक शुभ संयोग भी निर्मित करेगा। सितम्बर का पूरा माह खरीददारी हेतु कुछ खास योग निर्मित कर रहा है। इस माह की गई खरीददारी देवी , देवताओं लकी कृपा के साथ पितरों की कृपा भी प्राप्त कराएगा, जिससे शुभता के साथ स्थिरता बनी रहेगी।

धर्मशास्त्रीय विषयों के प्रामाणिक आचार्य, मध्यप्रदेश ज्योतिष एवं विद्वत परिषद के प्रदेशाध्यक्ष पण्डित रामचंद्र शर्मा वैदिक ने बताया कि 5 सितम्बर, सोमवार, तेजा दशमी, धूप दशमी, श्री महालक्ष्मी व्रत पूर्ण, 6 सितम्बर, मंगलवार, पद्मा जलझूलनी एकादशी स्मार्त मत से, 7 सितंबर, बुधवार, जलझूलनी एकादशी, डोल ग्यारस, वैष्णव मतानुसार, 8 सितम्बर, गुरुवार, प्रदोष व्रत 9 सितम्बर शुक्रवार, अनन्त चतुर्दशी ,व्रत की पूर्णिमा, 10 सितम्बर सोलह श्राद्ध ( महालय ) आरम्भ,पूर्णिमा श्राद्ध,प्रतिपदा श्राद्ध। 11,सितम्बर, रविवार से आश्विन कृष्ण पक्ष (पितृ पक्ष), आरम्भ ,द्वितीया श्राद्ध,सर्वार्थसिद्धि योग 12 सितम्बर, सोमवार तृतीया श्राद्ध 13, सितम्बर, मंगलवार, चतुर्थी व्रत,चतुर्थी श्राद्ध 14 सितम्बर, बुधवार, राष्ट्रभाषा हिन्दी दिवस, पंचमी ( कुंवारा पंचमी) श्राद्ध, 15 सितम्बर गुरुवार, षष्ठी श्राद्ध। 16 सितम्बर शुक्रवार,सप्तमी श्राद्ध,।17 सितम्बर, शनि वार सूर्य का सिंह से कन्या राशि मे प्रवेश, कोई श्राद्ध की तिथि पंचांग कारों ने निर्धारित नही की,सर्वार्थसिद्धि व अमृत सिद्धि महायोग 18 सितम्बर,रविवार , अष्टमी (जीवित्पुत्रिका)श्राद्ध,अशोकाष्टमी,श्री लक्ष्मी व्रत 19 सितम्बर, सोमवार,नवमी (सौभग्यवतीं नाम) श्राद्ध, 20 सितम्बर, मंगल वार, दशमी तिथि का श्राद्ध। 21, सितम्बर, बुधवार, एकादशी व्रत,एकादशी तिथि का श्राद्ध 22सितम्बर, गुरुवार द्वादशी (सन्यासियों का) श्राद्ध 23 सितम्बर, शुक्रवार प्रदोष व्रत,त्रयोदशी तिथि का श्राद्ध । 24 सितम्बर, शनिवार, मास शिवरात्रि, चतुर्दशी तिथि का श्राद्ध 25 सितम्बर, रविवार, सर्वपितृ अमावस्या (ज्ञात अज्ञात पितरों), देवपितृ कार्य अमावस्या, सर्वार्थसिद्धि, अमृत सिद्धि महायोग।  पितृपक्ष समाप्त। आश्विन शुक्ल पक्ष प्रारंभ।

 आचार्य पण्डित रामचंद्र शर्मा वैदिक के अनुसार 26 सितम्बर, सोमवार, नवरात्रि आरम्भ,घटस्थापना, श्री अग्रसेन जयंती5146 वीं। माँ शैलपुत्री की आराधना। 27 सितम्बर, मंगल वार, द्वितीय, माँ ब्रह्मचारिणी की आराधना, चन्द्र दर्शन। 28 सितमबर,, बुधवार,तृतीया,, माँ चन्द्रघंटा की आराधना। 29,सितम्बर, गुरुवार, चतुर्थी ,माँ कुष्मांडा की आराधना। सर्वार्थसिद्धि योग। 30 सितम्बर, शुक्रवार, पंचमी ,माँ स्कंदमाता की आराधना, उपांग ललिता व्रत। सर्वार्थ सिद्धि योग। इस प्रकार पूरे सितम्बर माह में श्री गणेशजी के साथ दुर्गा जी व सोलह ही दिन पितृ कृपा प्राप्त होगी।