नेतृत्व के अभाव का शिकार मुस्लिम समाज....

- हम किसी बादशाह के पैरोकार नहीं: साहित्यकार निजामी 

उज्जैन। राजनीतिक सूझ बूझ की कमी, नासमझी और अज्ञानता के चलते नेतृत्व के अभाव का शिकार है मुस्लिम समाज। समाज को अपनी भूमिका की ओर पलटाया जाना समय की महत्वपूर्ण आवश्यकता है। इस हेतु युद्ध स्तर पर प्रयास अपेक्षित हैं। 

      यह बात अंतर्राष्ट्रीय साहित्यकार, चिंतक एवं वक्ता अहमद रईस निज़ामी ने कही है। समाज के ज़िम्मेदार अफ़राद को संबोधित करते हुए निज़ामी ने कहा कि वर्तमान राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियों में विभिन्न समाज बढ़ चढ़ कर अपनी भूमिका निभा रहे हैं, किंतु मुस्लिम समाज सामूहिक रूप से उस भूमिका में दिखाई नहीं देता जिसकी समाज से अपेक्षा की जाती है। मुस्लिम समाज के पास जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले व्यक्ति, योग्यताएं और सलाहियतें मौजूद हैं। इन बुनियादों पर समाज वर्तमान परिस्थितियों में उत्कृष्ट भूमिका निभा सकता है। किन्तु बहुत कुछ होने के बावजूद समाज के निष्प्रभावी होने का मुख्य कारण राजनीतिक सूझ बूझ की कमी, नासमझी और अज्ञानता है, जिसके चलते आवश्यकता के अनुरूप उचित, योग्य और प्रभावशाली नेतृत्व से समाज वंचित है। नेतृत्व के नाम पर जो राजनीतिक व्यक्ति समाज का मार्गदर्शन करने के प्रयास करते हैं उनमें अधिकांश अपने राजनीतिक आकाओं के बिना कुछ नहीं। उन्हें जैसा आदेश मिलता है वैसा कर गुज़रते है, स्वयं स्वतंत्रता के साथ समाज हित में सोचना भी उनके बस में नहीं।

    निज़ामी ने कहा कि देश के ज़िम्मेदार नागरिक होने की हैसियत से हम एक मुस्लिम के रूप में अपनी भूमिका से मुंह नहीं मोड़ सकते। अन्य समाजों की तरह हमें भी योग्य नेतृत्व तैयार कर समाज हित और देश हित में अपनी भूमिका निभाने के लिए अविलंब ख़ुद को तैयार करना होगा। प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों और विभिन्न समाज प्रमुखों से परामर्श और तालमेल के साथ प्रभावशाली कार्यक्रम निश्चित करना होगा। इस क्रम में समाज के स्वच्छ छवि रखने वाले बेदाग़ व्यक्तियों को आगे लाने के प्रयास करना होंगे। इस समय देश को हमारी निष्पक्ष और ईमानदाराना भूमिका की आवश्यकता है। 

    हमारी प्रेरणा और मार्गदर्शन का मुख्य स्त्रोत चौदह सौ वर्ष पूर्व के किरदार हैं, दो चार सौ वर्ष पूर्व के बादशाह नहीं। हम किसी बादशाह के पैरोकार या तरफ़दार नहीं। अनावश्यक बातों पर समय बर्बाद करने के बजाय हमें सामाजिक विकास के साथ ही देश और देश के आम नागरिकों के हितार्थ हर संभव प्रयास करना चाहिए और ये ही हमारे एजेंडे का मुख्य बिंदु होना चाहिए।